5 Simple Statements About संघर्ष हौसला पर शायरी Explained

अमेजन क्रेडिट कार्ड कैसे बनाये और इसके फायदे

छक छक, झुक झुक झूम रही हैं, मधुबन में है मधुशाला।।३५।

हाथ पकड़ लज्जित साकी को पास नहीं जिसने खींचा,

जिनमें वह छलकाती लाई अधर-सुधा-रस की हाला,

ऐसे मधु के दीवानों को आज बुलाती मधुशाला।।१६।

अज्ञ विज्ञ में है क्या अंतर हो जाने पर मतवाला,

भरी हुई है जिसके अंदर कटु-मधु जीवन की हाला,

मुख से तू अविरत कहता जा मधु, मदिरा, मादक हाला,

'और लिये जा, और पीये जा', इसी मंत्र का जाप करे'

My grandfather advised me a poem couple of times again. the traces go like this " kabhi kabhi ghee bhi milta tha, yadyapi woh tha hi kitna.." He reported it absolutely read more was penned by maithali sharan gupt and titled "mera bachpan" but I couldnt just about anything like that less than rashtra kavi.

प्यास तुझे तो, विश्व तपाकर पूर्ण निकालूँगा हाला,

जगती के ठंडे प्याले सा पथिक, नहीं मेरा प्याला,

कुदरत, दुनिया का सबसे नायाब तोहफा है, कुदरती, खूबसूरती में हर किसी का खो जाने का मन करता है, तो दूसरी तरफ इससे मिलने वाले कई फायदों को लेकर प्रकृति के लिए तरह-तरह के अच्छे विचार मन में आते हैं।

अच्छी वर्षा जब भी होती हैं पानी बाँधो से छोड़ा जाता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *